ज्योतिषीय योग
यश, प्रतिष्ठा एवं सम्मान दिलवाता है अमला योग
अगर किसी जन्मपत्रिका में
अमला योग है तो इस राजयोग के प्रभाव से व्यक्ति अपने उत्कृष्ट कार्यों
द्वारा समाज में प्रतिष्ठित होता है। ऐसा
व्यक्ति अत्यंत गुणवान होता है तथा अपने जीवन काल में सम्पूर्ण सुखों को
प्राप्त करता है।
आईये इस योग के बारे में विस्तार पूर्वक
अध्ययन करते हें।
१. अगर जन्म पत्रिका में लग्न से दसवें
भाव में कोई शुभ ग्रह ( बुद्ध,
शुक्र, गुरु ) बैठा हो तो
अमला योग का निर्माण होता है।
२. अगर चन्द्र लग्न से दसवें भाव में कोई शुभ ग्रह बैठा हो तो
भी अमला योग बन जाता है।
चित्र संख्या १ के अनुसार
जहाँ १ नंबर लिखा हुआ है वह जन्म कुंडली का लग्न भाव हुआ। उस भाव से १० गिनने पर जहाँ १० नंबर लिखा हुआ है वह इस जन्म
कुंडली का दशम भाव हुआ।
इस दशम भाव में शुक्र ग्रह बैठा हुआ है
जो की एक शुभ ग्रह है।
अतः इस कुंडली में अमला योग बन रहा है। जब भी व्यक्ति के ऊपर शुक्र की दशा आएगी वह जीवन
की ऊचाईयों को निश्चित रूप से छुएगा।
अमला योग वाला व्यक्ति
उत्तम चरित्र वाला एवं सज्जन होता है।
अगर वह व्यापार करता है तो व्यापार
में उससे अत्यधिक लाभ होता है और यदि वह नौकरी-रत है तो उससे उच्च पद की
प्राप्ति होती है।
अगर जीवन काल में दसवें भाव
में बैठे हुए ग्रह की महादशा आ जाये तो
उस महादशा की अवधि में व्यक्ति बहुत प्रगति करता है एवं धन अर्जित
करता है।
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