आध्यात्मिक अनुष्ठान

आर्थिक समृद्धि एवं सम्पन्नता के लिए उपाय
(१) यदि कोई भी व्यक्ति शुक्रवार को प्राण -प्रतिष्ठित सुमेरु पृष्ठ श्रीयंत्र को अपने घर के पूजा स्थान में स्थापित कर उसके सम्मुख घी का दीपक जलाकर 'श्रीसूक्त' के नित्य 5 पाठ करे तो शीघ्र ही आर्थिक रूप से समृद्ध हो जाता है।  इसका प्रभाव ग्यारवें  शुक्रवार से ही दिखने लगता है।
(२) आर्थिक समृद्धि के लिए दीपावली की रात्रि को चांदी की एक डिब्बी में थोड़ी नागकेसर और शहद मिलाकर उसे लाल वस्त्र में बांधकर पूजा करके अपने पूजा स्थान में रख दें। नागकेसर आपको पंसारी की दुकान में मिल जायेगा। 
(३) भोजन करने से पहले गाय, कुत्ते और कौए के लिए एक -२ रोटी निकाल दें।  ऐसा करने से आपको कभी भी आर्थिक समस्या नहीं आएगी। 
(५) बुधवार को गाय को हरी घास अवश्य खिलायें। इससे आपका व्यवसाय और अधिक उन्नति करेगा। 
(६) पीपल के वृक्ष को नित्य जल दें। व उसकी गीली मिटटी से तिलक करें इससे आपके आय स्रोत बढ़ने लगेंगे। 
(७) प्रत्येक बुधवार को गणेश मंदिर जाएँ।  गणेश जी को ३ गुलाब के पुष्प, ३ दूर्वा, १ जनेऊ जोड़ा और ३ बेसन के लड्डू अर्पित करके हल्दी की माला से "ॐ गं गणपतये नमः" इस मन्त्र की १ माला का जाप वहीँ बैठकर करें। ऐसा करने से आपके घर में समृद्धि स्थापित हो  जाएगी। 
(८) शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से लगातार ५ शुक्रवार तक लक्ष्मी नारायण मंदिर में शाम को ९ वर्ष  से कम की ११ कन्याओं को खीर के साथ मिश्री खिलाएं। विदा करते समय उन्हें लाल वस्त्र भेंट स्वरुप दें।  इससे घर में लक्ष्मी का स्थाई निवास होता है। 
(९) रोजाना घर में श्री कनकधारा स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, ऋणमोचक मंगल स्तोत्र, श्री सूक्त, गजेन्द्र मोक्ष, कुबेर मन्त्र आदि का पाठ करने से अपार धन की प्राप्ति होती है। कर्ज से मुक्ति मिलती है।    
(10) अनावश्यक खर्च को रोकने के लिए यह उपाय बहुत कारगर सिद्ध होगा। किसी भी शनिवार को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर पीपल वृक्ष के तीन पत्ते तोड़ कर लाएं। उन्हें शुद्ध जल से धोकर पोंछ लें। अब हल्दी  मिश्रित दही से इन पत्तों में से एक पत्ते पर ह्रीं, दूसरे पत्ते पर श्रीं और तीसरे पत्ते पर क्लीं अनामिका ऊँगली से लिखें। इन् तीनो पत्तों को धूप, दीप दिखाकर अपने घर के पूजा स्थान में रख दें। अगले शनिवार को इन पत्तों को उसी पीपल वृक्ष की जड़ में रख आएं व तीन नए पत्ते ले आएं व उन पर भी पहले पत्तों की तरह लिखकर पूजा स्थान में रख दें। यह कार्य आपको लगातार १३ शनिवार करना है। १३वे शनिवार को जो पत्ते लाएं उनकी पूजा करने के पश्चात एक पत्ते को पूजा स्थान में, दूसरे पत्ते को अपनी तिजोरी/अलमारी  में और तीसरे पत्ते को अपने पर्स में रख दें।  इस प्रयोग को करने के पश्चात आप स्वयं अनुभव करेंगे कि अब आपके अनावश्यक खर्च कम होने लगे हैं।  
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Comments

  1. कनकधारा स्तोत्र बहुत शक्ति शैली स्तोत्र हैं। हिंदी में कनकधारा स्तोत्र पड़नेलिए ये देखिये

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